ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र

Rin Harta Shri Ganesh Stotra

ऋण से छुटकारा पाने हेतु ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र का नियमित पाठ करने से भक्त को कर्ज चुकाने मे आसानी होती है, साथ ही साथ धन अर्जित करने के अन्य कई साधन भी निकल आते हैं। ॥ ध्यान ॥ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम् ।ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम् ॥ ॥ मूल-पाठ ॥सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: … Read more

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम: मंत्र

hanuman mantras

॥ श्री हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र ॥ हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल: । रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम: ॥ उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:। लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा ॥ एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन: । स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत् ॥ तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भेवत् । राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन ॥

श्री सत्यनारायण कथा – पंचम अध्याय Shri Satyanarayan Katha Pancham Adhyay

satyanarayan katha

सूतजी बोले: हे ऋषियों ! मैं और भी एक कथा सुनाता हूँ, उसे भी ध्यानपूर्वक सुनो! प्रजापालन में लीन तुंगध्वज नाम का एक राजा था। उसने भी भगवान का प्रसाद त्याग कर बहुत ही दुख सान किया। एक बार वन में जाकर वन्य पशुओं को मारकर वह बड़ के पेड़ के नीचे आया। वहाँ उसने … Read more

श्री सत्यनारायण कथा – चतुर्थ अध्याय Shri Satyanarayan Katha Chaturth Adhyay

satyanarayan katha

सूतजी बोले: वैश्य ने मंगलाचार कर अपनी यात्रा आरंभ की और अपने नगर की ओर चल दिए। उनके थोड़ी दूर जाने पर एक दण्डी वेशधारी श्रीसत्यनारायण ने उनसे पूछा: हे साधु तेरी नाव में क्या है? अभिवाणी वणिक हंसता हुआ बोला: हे दण्डी ! आप क्यों पूछते हो? क्या धन लेने की इच्छा है? मेरी … Read more

श्री सत्यनारायण कथा – तृतीय अध्याय Shri Satyanarayan Katha Tritiya Adhyay

satyanarayan katha

सूतजी बोले: हे श्रेष्ठ मुनियों, अब आगे की कथा कहता हूँ। पहले समय में उल्कामुख नाम का एक बुद्धिमान राजा था। वह सत्यवक्ता और जितेन्द्रिय था। प्रतिदिन देव स्थानों पर जाता और निर्धनों को धन देकर उनके कष्ट दूर करता था। उसकी पत्नी कमल के समान मुख वाली तथा सती साध्वी थी। भद्रशीला नदी के … Read more

श्री सत्यनारायण कथा – द्वितीय अध्याय Shri Satyanarayan Katha Dwitiya Adhyay

सूत जी बोले: हे ऋषियों ! जिसने पहले समय में इस व्रत को किया था उसका इतिहास कहता हूँ, ध्यान से सुनो! सुंदर काशीपुरी नगरी में एक अत्यंत निर्धन ब्राह्मण रहता था। भूख प्यास से परेशान वह धरती पर घूमता रहता था। ब्राह्मणों से प्रेम से प्रेम करने वाले भगवान ने एक दिन ब्राह्मण का … Read more

श्री सत्यनारायण कथा – प्रथम अध्याय Shri Satyanarayan Katha Pratham Adhyay

एक समय की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार ऋषियों ने श्री सूतजी से पूछा हे प्रभु! इस कलियुग में वेद विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिल सकती है? तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे मुनि श्रेष्ठ ! कोई ऎसा तप बताइए जिससे थोड़े समय में ही पुण्य मिलें और … Read more

सकट चौथ पौराणिक व्रत कथा – श्री महादेवजी पार्वती Sakat Chauth Pauranik Vrat Katha – Shri Mahadev Parvati

एक बार महादेवजी पार्वती सहित नर्मदा के तट पर गए। वहाँ एक सुंदर स्थान पर पार्वतीजी ने महादेवजी के साथ चौपड़ खेलने की इच्छा व्यक्त की। तब शिवजी ने कहा: हमारी हार-जीत का साक्षी कौन होगा? पार्वती ने तत्काल वहाँ की घास के तिनके बटोरकर एक पुतला बनाया और उसमें प्राण-प्रतिष्ठा करके उससे कहा: बेटा! … Read more

ॐ नमो सच्चीदानन्द साईं नाथाय नमः Om Namo Satchidananda Sai Nathaya Namaha

ॐ नमो सच्चीदानन्द साईं नाथाय नमःॐ नमो सच्चीदानन्द साईं नाथाय नमः साईं रामाय नमःश्री कृष्णाय नमः ॐ नमो सच्चीदानन्द साईं नाथाय नमःॐ नमो सच्चीदानन्द साईं नाथाय नमः संत स्वरूपाय नमःश्री साईं देवाय नमः संत स्वरूपाय नमःश्री साईं देवाय नमः संत स्वरूपाय नमःश्री साईं देवाय नमः संत स्वरूपाय नमःश्री साईं देवाय नमः संत स्वरूपाय नमःश्री साईं … Read more

ओ पालनहारे O Paalanhaare

ओ पालनहारे, निर्गुण और न्यारेओ पालनहारे, निर्गुण और न्यारेतुमरे बिन हमरा कौनो नाहींहमरी उलझन, सुलझाओ भगवनतुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं तुम्हीं हमका हो संभालेतुम्हीं हमरे रखवालेतुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं (तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं)तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं चन्दा में तुम्हीं तो भरे हो चांदनीसूरज में उजाला तुम्हीं सेये गगन है मगनतुम्हीं तो दिए … Read more

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